यदि आप टेलीविज़न देख रहे हैं या समाचार पढ़ रहे हैं, तो आपने CBD आयल के बारे में भी सुना होगा, अब आपके मन में ये सवाल है कि आखिर सीबीडी आयल क्या है, आपको बता दे अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और जया साहा के बीच व्हाट्सएप चैट में सीबीडी आयल का उल्लेख था जो बाद में एक चर्चा का मुद्दा बन गया।

सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा मादक द्रव्यों के सेवन पर एक 2019 के अध्ययन का अनुमान है कि 2.8 प्रतिशत भारतीय कैनाबिस का सेवन करते हैं। इसका सेवन करने वाले भारतियों का आंकड़ा लगभग 3 करोड़ है। दिल्ली और मुंबई दुनिया में सबसे ज्यादा कैनाबिस का सेवन करने वाले शहरों में से हैं। इसके अलावा, भारत में भांग या कैनाबिस वर्ष 1985 तक लीगल थी और इसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया। हालांकि, भांग से निकाली गई कुछ सामग्री अभी भी लीगल हैं और उपयोग के कुछ दिशानिर्देशों के साथ आती हैं।

सीबीडी तेल में औषधीय गुण होते हैं और इसका उपयोग दर्द से राहत देने, चिंता और अवसाद को कम करने के लिए किया जाता है। हार्वर्ड के शोध के अनुसार, सीबीडी मारिजुआना का एक कॉम्पोनेन्ट है। सीबीडी तेल कैनबिस प्लांट का 40% अर्क है। वास्तव में, सीबीडी आयल भारत और अन्य देशों में भी कानूनी है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत सीबीडी आयल के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है।


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि कैनबिडिओल (सीबीडी आयल) निर्धारित मात्रा में लेने पर स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाने में मदद करता है। यह चिंता, अवसाद, जोड़ों में दर्द, अनिद्रा और कुछ दिल से संबंधित मुद्दों में भी मदद करता है। मारिजुआना से निकाले गए केवल सीबीडी उत्पाद ही हमारे देश में खरीदने और उपयोग करने के लिए कानूनी हैं। हालांकि, इस तरह का कोई प्रोडक्ट जिसमे THC (tetrahydrocannabinol) की 0.3 प्रतिशत से अधिक मात्रा हो उत्पाद की श्रेणी में नहीं आएगा और NDPS अधिनियम के तहत अवैध हो जाएगा। ऑनलाइन बिकने वाले कई उत्पादों के साथ प्रमुख मुद्दा यह है कि वे सामग्री विवरण का उल्लेख नहीं करते हैं और यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि उत्पाद में THC सामग्री 0.3 प्रतिशत से अधिक है या कम।

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