आयकर रिटर्न फाइलिंग में बड़ा बदलाव: पुराने और नए ITR में अंतर मिला तो आ सकता है नोटिस!
- bySagar
- 27 Mar, 2025

नया नियम: पुराने और नए ITR में विसंगति मिलने पर नोटिस संभव
आयकर विभाग ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 143(1) में बड़ा संशोधन किया है। यह बदलाव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त विधेयक 2025 (Finance Bill 2025) में पेश किया गया, जिसका उद्देश्य करदाताओं के पिछले और वर्तमान ITR के बीच विसंगतियों का पता लगाना है। यदि किसी करदाता के आयकर रिटर्न में गड़बड़ी या असंगति पाई जाती है, तो उसे आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है।
क्या बदला है?
आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, धारा 143(1) में संशोधन किया गया है ताकि करदाताओं के पिछले और वर्तमान ITR के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सके। हालाँकि, विभाग ने अभी तक स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया है कि किन मामलों में विसंगतियों की जाँच की जाएगी। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यदि किसी करदाता ने पिछले वर्षों में किसी विशेष क्रेडिट या कटौती का दावा किया था, लेकिन वर्तमान ITR में उसे सही ढंग से प्रदर्शित नहीं किया, तो यह संदेह का विषय बन सकता है।
धारा 143(1) क्या है?
धारा 143(1) आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग से संबंधित है। जब कोई करदाता ITR दाखिल करता है और उसे सत्यापित करता है, तो आयकर विभाग इसमें किसी भी प्रकार की गणना संबंधी त्रुटियों, विसंगतियों, और ग़लत दावों की जांच करता है। यदि कोई गलती मिलती है, तो विभाग उसे ठीक कर सकता है और करदाता को इसकी सूचना दी जाती है।
किन मामलों में आ सकता है नोटिस?
टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह संशोधन करदाताओं को अपने रिटर्न में होने वाली त्रुटियों का जल्द पता लगाने और सुधार करने का मौका देगा, जिससे भविष्य में कानूनी नोटिस और जटिलताओं से बचा जा सकेगा।
हालाँकि, कुछ ऐसे विशेष मामले हो सकते हैं जिनमें विसंगतियाँ मिलने पर करदाता को नोटिस भेजा जा सकता है:
✅ आय (Income) में अंतर – यदि पिछले और वर्तमान ITR में रिपोर्ट की गई आय में बड़ा अंतर है।
✅ घोषित संपत्ति (Declared Assets) – यदि पहले घोषित संपत्तियों और नए ITR में दिए गए विवरणों में असमानता है।
✅ हस्तांतरित हानि एवं कटौतियाँ (Carry Forward Losses & Deductions) – यदि पिछले वर्षों में हुए नुकसान या कटौतियों को नए ITR में सही ढंग से शामिल नहीं किया गया।
✅ व्यवसाय या पेशे की जानकारी (Nature & Scale of Business or Profession) – यदि व्यवसाय में बदलाव किया गया है और उसकी सही जानकारी नहीं दी गई।
✅ लेखा परीक्षा रिपोर्ट (Audit Report Details) – यदि ऑडिट रिपोर्ट और दाखिल किए गए ITR में अंतर पाया जाता है।
क्या इस बदलाव से करदाताओं को फायदा होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन करदाताओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, क्योंकि यह ITR दाखिल करने के शुरुआती चरण में ही विसंगतियों की पहचान करने में मदद करेगा। इससे करदाता समय रहते सुधार कर सकेंगे और आगे किसी बड़े कर विवाद में नहीं फँसेंगे।
क्या नोटिस भेजने से पहले मिलेगी सूचना?
फिलहाल, आयकर विभाग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस नए सिस्टम के तहत करदाताओं को नोटिस भेजने से पहले कोई ईमेल या सूचना दी जाएगी या नहीं। इसके अलावा, कुछ महत्वपूर्ण सवाल भी बने हुए हैं:
🔹 क्या आयकर विभाग पहले करदाता को सुधार के लिए अवसर देगा?
🔹 क्या विसंगतियाँ मिलने पर स्वतः सुधार किए जाएंगे और फिर करदाता को सूचना दी जाएगी?
🔹 किस स्तर की असमानता नोटिस का कारण बन सकती है?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले महीनों में स्पष्ट होंगे जब यह नया नियम लागू किया जाएगा।
निष्कर्ष
आयकर विभाग के नए नियम के तहत, यदि आपके वर्तमान और पिछले ITR में कोई विसंगति पाई जाती है, तो आपको नोटिस मिल सकता है। इसलिए, ITR दाखिल करते समय पूरी सावधानी बरतें, सभी विवरणों को सही-सही भरें, और पिछले वर्षों के डेटा से मिलान करना न भूलें। यह नया बदलाव करदाताओं के लिए पारदर्शिता बढ़ाने और कर अनुपालन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 🚀