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धरती के ऊपर कोरोना वायरस महामारी से इंसान परेशान है, वहीं एक महामारी समुद्र के नीचे भी फैली हुई है, समुद्री जीवों का अध्ययन करने वाले एक वैज्ञानिक ने तो इसकी तुलना इबोला से कर डाली है। इस बीमारी की चपेट में जो जीव है जो समुद्र के अंदर के जीवन चक्र का आधार माना जाता है, इस जीव का नाम है कोरल रीफ. जिस बीमारी की जकड़ में कोरल रीफ आए हैं- उसका नाम है स्टोनी कोरल टिश्यू लॉस डिजीस (Stony Coral Tissue Loss Disease - SCTLD)

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ऐसा मंजर 50 साल पहले देखने को मिला था, 1970 के दशक में व्हाइट बैंड बीमारी की वजह से समुद्र के अंदर मौजूद कोरल रीफ की दो प्रजातियां खत्म हो गई थी, लेकिन इस बार SCTLD ने कोरल रीफ की 22 प्रजातियों को अपनी चपेट में ले रखा है।

अब सवाल ये है कि इसे कैसे रोका जाए सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वैज्ञानिकों के पास इस बीमारी को रोकने का कोई तरीका नहीं है, अब सवाल है कि कोरल रीफ पूरी धरती के एक फीसदी हिस्से में हैं, ये समुद्री जीवन चक्र का मुख्य स्तंभ हैं, ये ऐसे जीव हैं जो हर प्रकार की प्रजातियों के जीवों का स्वागत करते हैं. इसी वजह से वैज्ञानिक और गोताखोर इन्हें देखने समुद्र के नीचे जाते रहते हैं, लेकिन इस महामारी को जल्द से जल्द रोकना होगा।

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