देवदूत बना ‘लिटिल मास्टर’: सुनील गावस्कर ने थामा विनोद कांबली का हाथ, हर महीने देंगे पेंशन जितनी मदद

एक दौर था जब विनोद कांबली की कलाई से निकले स्ट्रोक्स क्रिकेट स्टेडियम में गूंजा करते थे। भारत के लिए 17 टेस्ट और 104 वनडे खेलने वाले इस विस्फोटक बल्लेबाज की जिंदगी आज एक जटिल मोड़ पर आ गई है। अब कांबली न तो मैदान में हैं और न ही क्रिकेट के ग्लैमर की चकाचौंध में—बल्कि वो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

लेकिन इस मुश्किल घड़ी में एक चेहरा उम्मीद बनकर सामने आया है—सुनील गावस्कर, जो न केवल भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी हैं, बल्कि अब एक सच्चे दोस्त और इंसान के तौर पर भी मिसाल बन गए हैं।

कांबली की गिरती सेहत, बढ़ती चिंता

दिसंबर 2024 में ठाणे के एक अस्पताल में भर्ती हुए कांबली, मूत्र संक्रमण और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी गंभीर समस्याओं से पीड़ित हैं। इलाज के दौरान यह भी सामने आया कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। फैंस को यह जानकर और भी दुख हुआ जब एक वीडियो में देखा गया कि कांबली ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। ये वीडियो उनके करीबी दोस्त सचिन तेंदुलकर की मुलाकात के दौरान सामने आया था, जिसने पूरे देश को भावुक कर दिया।

सुनील गावस्कर की भावुक पहल, हर महीने देंगे ₹30,000

मुंबई के शिवाजी पार्क जिमखाना में कोच रमाकांत आचरेकर की स्मृति में हुए एक कार्यक्रम में गावस्कर ने सार्वजनिक रूप से वादा किया था कि वे कांबली की मदद करेंगे—और अब उन्होंने वो वादा निभा दिया है।

🏥 गावस्कर की 'Champs Foundation' अब कांबली को हर महीने ₹30,000 की आर्थिक सहायता और सालाना ₹30,000 की चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी।

यह कदम न सिर्फ मदद है, बल्कि एक संदेश भी है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और रिश्तों का संगम भी है।

बीसीसीआई से भी मिल रही पेंशन, अब राहत की उम्मीद

विनोद कांबली को बीसीसीआई से भी ₹30,000 मासिक पेंशन मिलती है। ऐसे में गावस्कर की मदद से अब उन्हें हर महीने कुल ₹60,000 की आर्थिक सहायता मिलेगी, जो उनकी स्वास्थ्य देखभाल और रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकती है।

जब पत्नी एंड्रिया ने छोड़ा नहीं साथ

इस कहानी को और भावुक बना देता है एक और पहलू—कांबली की पत्नी एंड्रिया हेविट। एक पॉडकास्ट में उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने कभी तलाक लेने का मन बनाया था, लेकिन कांबली की हालत देखकर रुक गईं।

“वो एक बच्चे की तरह हैं… अगर मैं उन्हें छोड़ देती, तो उनका ध्यान कौन रखता?” — एंड्रिया हेविट

उन्होंने बताया कि कई बार उनका दिल टूटा, लेकिन कांबली की जरूरतों ने उन्हें रुकने के लिए मजबूर कर दिया।

क्रिकेट के बाहर की दोस्ती ने दी नई उम्मीद

इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खेल के रिश्ते सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं रहते। सुनील गावस्कर का यह कदम एक आदर्श बन गया है कि कैसे दिग्गज खिलाड़ी अपने साथियों के लिए देवदूत बन सकते हैं।

विनोद कांबली की कहानी एक संघर्ष की कहानी है—शिखर से जमीन तक, और फिर मदद से दोबारा उठने की उम्मीद तक। सुनील गावस्कर की मदद ने ये भी दिखा दिया कि क्रिकेटर्स के बीच की दोस्ती वक्त के साथ और मजबूत होती है। अब जब कांबली को दो-दो स्रोतों से आर्थिक मदद मिलेगी, तो उम्मीद की जा सकती है कि उनका जीवन कुछ आसान और सम्मानजनक बनेगा।