Personality Development- इन जगहों पर भूलकर भी ना करें शर्म, वरना जिंदगी में नहीं कर पाएंगे तरक्की
- bySagar
- 10 Feb, 2025
By Jitendra Jangid- दोस्तो आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि जिसने कि शर्म उसके फूटे कर्म। जिसका अर्थ हैं कि शर्म उसी जगह करें जहां उसकी आवश्यकता हो। दोस्तो शर्मीला होना अक्सर शालीनता और सभ्यता की निशानी के रूप में देखा जाता है। जीवन में ऐसी परिस्थितियाँ होती हैं जहाँ अत्यधिक शर्मीला या संकोची होना आपकी प्रगति में बाधा बन सकता है। आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में जहां शर्म नहीं करनी चाहिए-

वित्तीय लेन-देन में संकोच न करें
अगर आपने किसी को पैसे उधार दिए हैं, तो उसे वापस मांगने में संकोच या डर न करें। इसमें देरी करना या टालना आपकी वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है और आपके व्यक्तिगत संबंधों को नुकसान पहुँचा सकता है।
खाने में कभी शर्म महसूस न करें
कई लोग किसी और के घर में खाना खाते समय शर्म महसूस करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। खाने में शर्म महसूस करने से अनावश्यक भूख लग सकती है, जो आपके ऊर्जा स्तर और संज्ञानात्मक क्षमताओं को प्रभावित करती है।

बिना किसी हिचकिचाहट के ज्ञान को अपनाएँ
ज्ञान प्राप्त करने में कोई शर्म नहीं है। अगर आपको सीखने का कोई अवसर मिले, चाहे वह औपचारिक शिक्षा हो या व्यावहारिक ज्ञान, तो उसे पाने में संकोच न करें।

गलत काम के खिलाफ़ आवाज़ उठाएँ
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप कुछ गलत होते हुए देखते हैं तो आवाज़ उठाना ज़रूरी है। कई लोग चुप रहते हैं, यह जानते हुए भी कि क्या सही है लेकिन टकराव से डरते हैं। यह निष्क्रियता जीवन में प्रगति को रोकती है।
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